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New Zealand की संसद में माओरी सांसदों का विरोध

Maori Party MPs can be seen creating a ruckus in the New Zealand Parliament.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें न्यूजीलैंड (New Zealand) की संसद में माओरी पार्टी के सांसदों को हंगामा करते हुए देखा जा सकता है। यह वीडियो उस दिन का है जब माओरी सांसदों ने जनजातीय अधिकारों से संबंधित एक विवादास्पद विधेयक के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन का केंद्र बिंदु था एक विधेयक जिसे एसीटी पार्टी ने पेश किया था, और इसे लेकर माओरी समुदाय के बीच भारी असहमति पाई गई।

न्यूजीलैंड की संसद में माओरी सांसदों ने इस विधेयक के विरोध में पारंपरिक माओरी हाका डांस किया, जो विरोध और एकता का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही, उन्होंने विधेयक की प्रतियां भी फाड़ दीं। यह विरोध इतना तीव्र और संगठित था कि संसद की कार्यवाही को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा। माओरी सांसदों का यह प्रदर्शन उनके अधिकारों और पहचान की रक्षा के लिए था, और उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक संधि ट्रीटी ऑफ वेटांगी के खिलाफ एक बड़ा कदम माना।

न्यूजीलैंड में ट्रीटी ऑफ वेटांगी एक ऐतिहासिक संधि है, जो 1840 में माओरी जनजातियों और ब्रिटिश सरकार के बीच हुई थी। यह संधि न्यूजीलैंड के संविधान का आधार है और माओरी समुदाय के अधिकारों को सुनिश्चित करती है। माओरी नेताओं का कहना है कि एसीटी पार्टी द्वारा पेश किया गया विधेयक *ट्रीटी ऑफ वेटांगी* की व्याख्या को सीमित करने का प्रयास करता है और इसके माध्यम से उनके अधिकारों पर हमले की कोशिश की जा रही है।

विधेयक का उद्देश्य ट्रीटी ऑफ वेटांगी की आधुनिक व्याख्या को प्रतिबंधित करना है, ताकि देश में एक समान कानून व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। हालांकि, माओरी नेता और उनके समर्थक इसे उनके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अधिकारों का उल्लंघन मानते हैं। उनका कहना है कि यह विधेयक माओरी समुदाय के अधिकारों को कमजोर करेगा और उनकी पहचान और स्वतंत्रता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।

हाका डांस, जो माओरी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, पारंपरिक रूप से एक युद्ध डांस और विरोध का प्रतीक होता है। जब माओरी सांसदों ने संसद में हाका डांस किया, तो यह एक शक्तिशाली सांस्कृतिक बयान था। यह न केवल विरोध का प्रतीक था, बल्कि माओरी समुदाय की एकता और संघर्ष को भी दर्शाता था। हाका के माध्यम से माओरी सांसदों ने यह संदेश दिया कि वे अपने अधिकारों को लेकर सजग हैं और किसी भी प्रकार के समझौते या उल्लंघन को सहन नहीं करेंगे।

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न्यूजीलैंड में ट्रीटी ऑफ वेटांगी की व्याख्या और इसके कानूनी प्रभावों को लेकर पिछले कई दशकों से बहस चल रही है। माओरी समुदाय का मानना है कि सरकार और अन्य संस्थाएं इसे अपनी सुविधा के अनुसार व्याख्यायित करती हैं, जिससे उनके अधिकारों का उल्लंघन होता है। वहीं, एसीटी पार्टी का कहना है कि यह विधेयक देश में समान कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिए जरूरी है, और ट्रीटी ऑफ वेटांगी की आधुनिक व्याख्या में बदलाव किया जाना चाहिए।

यह विवाद न्यूजीलैंड में माओरी समुदाय और सरकार के बीच संबंधों पर एक गहरी छाप छोड़ता है। माओरी नेता अपने अधिकारों की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष कर रहे हैं, और इस विवाद ने उस संघर्ष को फिर से उजागर कर दिया है। संसद में हुए इस हंगामे ने यह साबित कर दिया कि माओरी समुदाय के लिए ट्रीटी ऑफ वेटांगी सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि उनके सांस्कृतिक और कानूनी अधिकारों का प्रतीक है।

 

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