Manoj Bajpayee पर कार्रवाई, हो सकती है करोड़ों की जमीन जब्त
The name of Bollywood actor Manoj Bajpayee has also come up in this controversy.
उत्तराखंड में भू-कानून के उल्लंघन के मामलों ने राज्य की राजनीतिक और प्रशासनिक हलचलों को तेज कर दिया है। बॉलीवुड अभिनेता मनोज वाजपेयी (Manoj Bajpayee) का नाम भी इस विवाद में सामने आया है, जिससे यह मामला और भी सुर्खियों में आ गया है। अभिनेता पर आरोप है कि उन्होंने लमगड़ा में योग और मेडिटेशन के नाम पर भूमि खरीदी, लेकिन वह जमीन अब तक उस उद्देश्य के लिए उपयोग में नहीं लाई गई है। प्रशासन अब इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है।
उत्तराखंड में भू-कानून के उल्लंघन से जुड़े कुल 23 मामलों की जांच चल रही है, जिनमें से 11 मामले न्यायालय में हैं। इनमें से कुछ मामलों में प्रशासन ने जांच के बाद कार्रवाई की है, जबकि अन्य मामलों में जांच प्रक्रिया चल रही है।
मनोज वाजपेयी का मामला भी इस कड़ी में एक उदाहरण बन गया है, जहाँ प्रशासन ने भूमि क्रय में नियमों के उल्लंघन के आरोपों की जांच शुरू की है। इसके अलावा, कई अन्य प्रमुख राजनेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के भूमि संबंधी मामलों की भी जांच हो रही है, जिससे राज्य सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है।
प्रशासन ने मजखाली स्थित प्लीजेंट वैली और कटारमल में भी भूमि उल्लंघन के मामले की जांच की है। इन दोनों इलाकों में नियमों के उल्लंघन के आरोप सामने आए हैं, और प्रशासन ने इन मामलों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। प्लीजेंट वैली का मामला वर्तमान में हाईकोर्ट में चल रहा है, जहाँ न्यायालय इस मामले में प्रशासन से रिपोर्ट मांग चुका है।
रानीखेत तहसील में भी भू-कानून उल्लंघन के मामले सामने आए हैं, जिन पर प्रशासन ने कार्रवाई की है। यहां पांच लोगों ने करीब 50 नाली भूमि खरीदी थी। इनमें से तीन मामलों की सुनवाई न्यायालय में हो रही है, जबकि दो मामलों की सुनवाई कमिश्नर कोर्ट में चल रही है। इस भूमि क्रय के पीछे मुख्य विवाद यह है कि भू-कानून के तहत एक व्यक्ति सवा नाली से अधिक भूमि नहीं खरीद सकता है। इन मामलों में खरीद की गई भूमि नियमों से कहीं अधिक है, और एसडीएम रानीखेत राहुल आनंद ने कहा है कि जांच पूरी होने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
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उत्तराखंड के भू-कानून के तहत, राज्य में बाहरी व्यक्तियों को अधिक भूमि खरीदने की अनुमति नहीं है, और स्थानीय प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होता है कि राज्य की भूमि का संरक्षण हो। ऐसे में जब बड़े नामी लोग और नेता भूमि खरीदने में लिप्त होते हैं, तो यह कानून के उल्लंघन का गंभीर मामला बन जाता है। प्रशासन इस दिशा में सख्त कदम उठा रहा है, और इन मामलों की गहनता से जांच की जा रही है।