उत्तराखंड
Trending

उत्तराखण्ड के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी

There is a wave of happiness among the government employees.

उत्तराखण्ड सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और तदर्थ बोनस की घोषणा की है, जिससे सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। आइए, इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी को विस्तार से समझते हैं।

 1. महंगाई भत्ता (DA) में बढ़ोतरी

राज्य सरकार ने 14 मार्च, 2024 को एक आदेश जारी किया, जिसमें 7वें वेतनमान के तहत सरकारी कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2024 से 50% महंगाई भत्ता देने की मंजूरी दी गई। इसके बाद, भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आदेश के अनुसार, यह दर 1 जुलाई, 2024 से बढ़ाकर 53% कर दी गई है। यह भत्ता राज्य सरकार के सभी नियमित, पूर्णकालिक, कार्यप्रभारित कर्मचारियों और UGC से जुड़े अधिकारियों को मिलेगा।

 2. अलग श्रेणी के कर्मचारियों पर प्रभाव

हालांकि, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य, तथा कुछ अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों पर ये आदेश स्वतः लागू नहीं होंगे। उनके लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे। 1 जुलाई, 2024 से 30 सितंबर, 2024 तक के महंगाई भत्ते का बकाया नकद में दिया जाएगा, जबकि 1 अक्टूबर, 2024 से यह भत्ता नियमित वेतन में जोड़ दिया जाएगा।

3. तदर्थ बोनस (Ad-hoc Bonus)

राज्य के गैर-राजपत्रित कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों, जिला पंचायतों, और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 2023-24 के लिए तदर्थ बोनस का लाभ मिलेगा। भारत सरकार के आदेशानुसार, 30 दिनों का बोनस अधिकतम ₹7000 तक की सीमा में दिया जाएगा।

 4. बोनस के लिए पात्रता शर्तें

बोनस का लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा जो 31 मार्च, 2024 को सेवा में थे और जिन्होंने कम से कम 6 महीने की सतत सेवा की हो। 6 महीने से 1 साल तक की सेवा वाले कर्मचारियों को उनके सेवा अनुपात के अनुसार बोनस दिया जाएगा। तदर्थ बोनस की राशि एक वर्ष की औसत प्राप्तियों के आधार पर गणना की जाएगी। उदाहरण के लिए, अधिकतम सीमा ₹7000 मानते हुए, 30 दिनों के लिए तदर्थ बोनस की गणना ₹6908 होगी। कैजुअल/दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, जिन्होंने पिछले 3 वर्षों में हर साल कम से कम 240 दिन कार्य किया हो, भी इस बोनस के पात्र होंगे। ऐसे कर्मचारियों का बोनस ₹1184 होगा।

ये भी पढ़े : Dehradun पुलिस का शराब पीने वालों के खिलाफ अभियान

विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही या आपराधिक मामले में दोषी पाए जाने पर कर्मचारी बोनस के पात्र नहीं होंगे। यदि किसी कर्मचारी को निलंबन के बाद बहाल किया गया हो, तो वह बोनस के लिए पात्र होगा। आर्थिक रूप से कमजोर निकायों के कर्मचारियों का बोनस उनका निकाय खुद वहन करेगा, जिसमें सरकार की ओर से कोई अनुदान नहीं मिलेगा।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button