उत्तराखंड
Trending

Traffic Rules का पालन क्यों है आवश्यक ?

Often people ignore traffic rules.

अक्सर लोग Traffic Rules को नजर अंदाज कर देते हैं। कुछ लोगों का यह मानना है कि यदि एक बार चालान भर दिया तो वे दिन में कितनी भी बार नियमों का उल्लंघन कर सकते हैं। लेकिन यह धारणा पूरी तरह गलत है। देश में बढ़ती जनसंख्या और सड़कों पर बढ़ती गाड़ियों के साथ-साथ ट्रैफिक नियमों का पालन करना और भी महत्वपूर्ण हो गया है।

 चालान कटने की प्रक्रिया

Traffic Rules के तहत यदि आप नियम तोड़ते हैं, तो आपको यह जानना आवश्यक है कि एक दिन में आपके चालान कितनी बार कट सकते हैं। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, कुछ नियमों को तोड़ने पर एक दिन में केवल एक बार चालान कट सकता है, जबकि अन्य नियमों के उल्लंघन पर कई बार चालान कट सकता है।

1.बिना हेलमेट गाड़ी चलाना : यदि आप बिना हेलमेट के गाड़ी चला रहे हैं, तो यह नियम का उल्लंघन है। इस स्थिति में आपको एक दिन में केवल एक बार चालान भरना होगा। हेलमेट पहनना सुरक्षा के लिए आवश्यक है और इसका पालन करना सभी riders का कर्तव्य है।

 2. ओवरस्पीडिंग : ओवरस्पीडिंग और रेड लाइट क्रॉस करने जैसे मामलों में यदि आप पकड़े जाते हैं, तो आपको कई बार चालान भरना पड़ सकता है। यानि जितनी बार आप इन नियमों का उल्लंघन करेंगे, उतनी बार आपका चालान कटेगा। यह आपके लिए सीखने का अवसर है कि आपको एक बार गलती करने के बाद वही गलती दोबारा नहीं करनी चाहिए।

ये भी पढ़े: Cyber fraud: अनजान खातों में रकम डालने से बंद हो सकते हैं खाते

ट्रैफिक नियमों का पालन करें

यदि आप एक बार गलती करने के बाद बार-बार ओवरस्पीडिंग या रेड लाइट क्रॉस करने जैसी गलतियाँ दोहराते हैं, तो एक दिन में कई बार आपका चालान कट सकता है। ट्रैफिक नियमों का पालन न केवल आपके लिए, बल्कि दूसरों की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।

 

Leena Kumari

InsideNewsPostUK is a digital news portal dedicated to delivering timely, accurate, and insightful coverage of current events across the world. From politics and business to entertainment, technology, and lifestyle, we aim to inform and engage readers with in-depth reporting, expert analysis, and diverse perspectives. With a commitment to journalistic integrity and digital innovation, InsideNewsPostUK strives to be a trusted source for breaking news and thoughtful commentary in a rapidly changing media landscape.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button