पितृ अमावस्या पर हरिद्वार में श्रद्धालुओं की भीड़
Lakhs of devotees thronged Haridwar's Harki Paidi to take a holy dip on the occasion of Pitru Amavasya today

Haridwar : पितृ अमावस्या पर आज हरिद्वार के हरकी पैड़ी में स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि यह दिन पितरों की तृप्ति और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए समर्पित होता है। श्रद्धालुओं ने तड़के सुबह से ही गंगा में स्नान करने के लिए जुटना शुरू कर दिया था, और जैसे-जैसे दिन बढ़ा, हरकी पैड़ी का वातावरण भक्तिमय हो गया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने नारायणी शिला पर जाकर तर्पण किया, जहां उन्होंने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट किया। इस स्थान पर तर्पण करने के लिए लोगों को क्रम से अवसर दिया जा रहा है, ताकि हर कोई अपने पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सके।
हरिद्वार का हाईवे और शहर की गलियां जाम की चपेट में आ गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। गंगा के सभी घाट श्रद्धालुओं से खचाखच भरे हुए हैं, और हर कोई अपने-अपने तरीके से इस पवित्र दिन को मनाने में व्यस्त है। पितृ अमावस्या, जिसे पितृ अमावस्या या महालय अमावस्या भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं। यह मान्यता है कि इस दिन किए गए तर्पण से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
इस विशेष दिन पर श्रद्धालुओं की उपस्थिति यह दर्शाती है कि पितृ धर्म के प्रति उनकी श्रद्धा कितनी गहरी है। हरिद्वार का यह स्थान पितृ अमावस्या पर एक अद्भुत नज़ारा पेश करता है, जब लाखों लोग अपने-अपने पितरों की याद में एकत्र होते हैं और एक-दूसरे के साथ इस महत्वपूर्ण संस्कार को साझा करते हैं। पितृ अमावस्या का यह पर्व न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह हमें अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का भी एक अवसर प्रदान करता है। इस दिन की विशेषता इसे हर साल और भी महत्वपूर्ण बनाती है, और यह हिंदू संस्कृति की गहराई को दर्शाता है।