एमबीपीजी कॉलेज में छात्राओं के बीच मारपीट
Recently a scuffle broke out between two students at MBPG College
हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज में हाल ही में दो छात्राओं के बीच हुई मारपीट ने परिसर को असामान्य स्थिति में ला दिया। इस घटना ने कॉलेज के माहौल को WWE रिंग में तब्दील कर दिया, जहां लात-घूंसे चलने लगे। छात्रसंघ चुनाव के समय में ऐसी घटनाएं सामान्य मानी जाती हैं, लेकिन यह विशेष घटना छात्राओं के बीच हुई, जो सभी के लिए आश्चर्यजनक रही। छात्राओं के बीच पहले एक बहस हुई, जो धीरे-धीरे हाथापाई में बदल गई। कॉलेज प्रशासन ने इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों छात्राओं को फटकार लगाई और उन्हें परिसर से बाहर कर दिया। इस तरह की घटनाएं अक्सर छात्रसंघ चुनाव के समय में होती हैं, लेकिन आमतौर पर यह छात्र नेताओं के बीच होती हैं। इस बार, छात्राओं के बीच हुई झड़प ने सभी को चौंका दिया।
एमबीपीजी कॉलेज अपनी पढ़ाई की बजाय विवादों के कारण अधिक चर्चा में रहता है। यहां के छात्रसंघ चुनावों में अक्सर गुटबाजी और झगड़े की घटनाएं देखने को मिलती हैं। इस बार चुनावी माहौल में तनाव बढ़ गया है, जिससे छात्रों के बीच असहमति और संघर्ष की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं। इस मारपीट की घटना के बाद परिसर में अलग-अलग चर्चाएं होने लगीं। सभी ने इसे कॉलेज की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला बताया। छात्राओं के बीच हुई यह लड़ाई न केवल सुरक्षा के सवाल उठाती है, बल्कि कॉलेज प्रशासन की ओर से उचित प्रबंधन की आवश्यकता को भी दर्शाती है।
मारपीट के इस घटना के बीच कॉलेज में चुनावी गतिविधियां भी चरम पर थीं। विभिन्न पदों के लिए संभावित दावेदारों ने समर्थकों के साथ रैलियाँ निकालीं। इस दौरान छात्रों में चुनावी सरगर्मियां भी देखने को मिलीं, लेकिन इस झड़प ने चुनावी माहौल में और तनाव भर दिया।एमबीपीजी कॉलेज की यह घटना न केवल कॉलेज के छात्रों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह दर्शाती है कि चुनावी माहौल में तनाव और विवाद किस प्रकार जन्म लेते हैं। प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे हालात को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। छात्रों को भी समझना होगा कि विवादों का समाधान बातचीत और सहमति से किया जाना चाहिए, न कि हिंसा के माध्यम से।